बुधवार, 24 नवंबर 2010

सरकार

कांग्रेस के अलावा भी लोगो को प्रधानमंत्री की छवि की चिंता क्यूँ है ?
शायद इसलिए की-
भ्रष्टाचार को पोषित करने को वह गुनाह नहीं मानते ?
ऐसा कैसे लोग विश्वास कर सकते हैं की प्रधानमंत्री और कैबिनेट को पता ही न हो ?
गर सही में घर के मुखिया को नहीं पता तो यह देश भगवान भरोसे है .
जबकि इसकी सुगबुगाहट तो बहूत पहले से हम सभी को रही है .
शायद गठबंधन धर्म को निभाते हुए उन्होंने लूटने की छूट दे रखी थी पर अंदाज़ा न था लूट इतनी बड़ी होगी .

सोमवार, 15 नवंबर 2010

जनसँख्या

भारत की जनसँख्या अब स्थिरीकरण को २०४५ की जगह २०७० में प्राप्त करेगी .
पिछले १० सालो में राष्ट्रीय जनसँख्या आयोग की बैठके गिनती की हुईं हैं . कुछ समय तक तो देश
को जनसँख्या एक संसाधन हे कह कर बरगलाया गया ,पर कितनी जनसँख्या ?

शनिवार, 6 नवंबर 2010

महामाया भीख योजना, उत्तर प्रदेश

महामाया भीख योजना हाल में उत्तर प्रदेश में मायावती ने शुरु की . सरकारे या कहूँ शासक वर्ग हमेशा आम जनता को आश्रित बनाकर ही क्यूँ रखना चाहती हैं .
कहने को लोकतंत्र हे पर न तो जनता न ही शासक इस मानसिकता से बाहर निकल पाए हैं अभी तक . न तो कम से कम मीडिया तो राहुल गाँधी के
सम्मान में युवराज शब्द का प्रयोग न करता.