मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

हिंद स्वराज

मैंने हिंद स्वराज बहुत दिनों पहले पढ़ी थी , और अक्सर सुनता हूँ की अगर गाँधी को समझना हे तो हिंद स्वराज ध्यान से पढो, तो आज फिर से पढ़ी। पर एक बार मै फिर से निराश ही हुआ क्योकि मुझे पूरी पुस्तक में सत्याग्रह के विचार के सिवा बाकी बेमतलब लगता है। गांधीवादियोंको भले ये अच्छा न लगे वो भी तब जब अगले महीने हिंद स्वराज के १०० साल पुरे हो रहे हैं।

रविवार, 11 अक्तूबर 2009

naksalvad

आज कल चर्चा में ऑक्सफोर्ड की उपज p c नक्सलवाद को जड़ से ख़त्म करेंगे । कोई उनसे मेरी तरफ़ से कह दे कोई भी आन्दोलन जिसकी जड़े अन्याय के गर्भ में हो अबोर्शन भी उसे पैदा होने से नही रोक सकता। नक्सलवाद का समाधान राजनितिक, आर्थिक और सामाजिक संदर्भो में ढूंढा जाय तो ज़्यादा बेहतर होगा प्रिय pc.

jay prakash .... the real hero

आज ११ october जय प्रकाश नारायण की जयंती है। सुबह न्यूज़ पेपर पढने के बाद सोच रहा हूँ जे पी बाज़ार में खो गए - बिग बॉस के या जे यस मिल के शब्दों में सोचू सुखो में गुणात्मक अन्तर ज़्यादा महतव्पूर्ण है बजाय
मात्रा के kyunki पिछले कुछ saalo से कम से कम mai to नही bhoola hun ki aaj jay प्रकाश नारायण का जन्म divas है।

गुरुवार, 1 अक्तूबर 2009

अपना घर

वह झांडू लगाने वाली औरत
रोज़ सुबह दिखाई देती है ,
उस रास्ते पर
जहाँ से मुझे जाना अच्छा लगता हे
क्यूंकि वहां है एक ऐसा घर
जिसे शहर के कुछ लोग
अपना घर के नाम से जानते हैं ,
जिसमे रहते हैं स्टेशन पर
रहने वाले कुछ बच्चे ,
पर आजकल उस रास्ते से जाना
मुझे अच्छा नही लगता
क्यूंकि
आजकल दिखाई देती हैं
वह दो छोटी लड़किया
जो उस औरत के साथ
सफाई करती नज़र आती हैं
उस रास्ते की ,
और उसमे से एक बमुश्किल
सात- आठ साल की है ।