शनिवार, 17 जुलाई 2010

अंग्रेजी जानते हो क्या ?

आप अंग्रेजी जानते हैं तो सबकुछ जानते हैं नहीं तो कुछ नहीं , हमारे देश में सफलता का पैमाना यही बन गया है । निजी क्षेत्रो को छोड़िये सरकारी महकमा भी अंग्रेजी के प्रसार में लगा है । इस प्रवर्ती का प्रतिवाद करने , विरोध में तर्क देने पर जबाब आता है भैया जब सबकुछ सीख जान सकते हो तो पहले अंग्रेजी क्यूँ नहीं सीखते???????
भाषा ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम है न कि ज्ञान । पर हमारे देश में माध्यम को ही आपके बौद्धिक विकास का मानक मान लिया गया है ।
आप एक ईमानदार, अच्छे चरित्र , तार्किक , बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण शिक्षित व्यक्ति हैं पर अंग्रेजी नहीं जानते हैं तो आपका अपने ही देश में कोई मूल्य नहीं।

भारतीय विदेश नीति

महाशक्ति बनने का दावा करने वाला हमारा देश पाकिस्तान के सामने लड़खड़ा जाता है ...... ???????
पिल्लई की तुलना विदेश मंत्री के सामने हाफीज़ सईद से कर दी जाती है , और मंत्रालय बचाव की मुद्रा मै है और उल्टा गृह मंत्रालय को दोष दे रहा है । जबकि इस आधार पर पाक पर दबाब डालना चाहिए था ...
भारतीय कश्मीर के बारे में पाकिस्तान ऐसे बात कर रहा जैसे हमने कश्मीर पर कब्ज़ा किया हुआ है । हमारे आतंरिक मामलो में पाकिस्तान खुला हस्तक्षेप कर रहा है । भारत सरकार का व्यवहार तो पाक के मत को पुष्ट कर रहा है । सरकार को यह स्पष्ट करना पड़ेगा की पाक अधिकृत कश्मीर विवादित क्षेत्र है न की भारतीय कश्मीर।