रविवार, 28 फ़रवरी 2010

कविता

प्रेम को न दान दो न दो दया
प्रेम तो सदेव ही समृद्ध है
प्रेम है की ज्योति स्नेह एक है
प्रेम है की प्राण देह एक है
प्रेम है की विश्व गेह एक है
प्रेमहीन गति प्रगति विरुद्ध है
प्रेम तो सदेव ही समृद्ध है ...........
------गोपाल दास नीरज
प्रेम का त्यौहार होली आप सभी के जीवन में नई खुशिया लाये ।

बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

खाद्यान्न उत्पादन

हमारी मुख्यमंत्री का कहना है की प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन दोगुना किया जायेगा । इस संदर्भ में मै सम्बंधित अधिकारियो का ध्यान भूमि व्यवस्था की और दिलाना चाहूँगा। हमारे प्रदेश में खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में भूमि पर दबाब बहुत ज्यादा है । आजादी के बाद भूमि सुधारो को हम अभी तक सही तरीके से लागू नहीं कर पाए । यही नहीं जोतो का आकार विखंडित होकर कम ही होता जा रहा है । ऐसे में चकबंदी जो की भूमि सुधारो का एक महतवपूर्ण तरीका है, को एक बार फिर से अपनाये जाने की जरुरत है । जिससे किसान जो भी जोत का आकार उनके पास बचा है , पर सही तरीके और कम लागत से खेती कर सके । यही नहीं जिन लोगो ने छोटे जोत के आकार के कारन खेती करना छोड़ दिया हे वह खेती करने को प्रेरित हो सके।