शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

पंचायते

गाँधी का सपना पंचायती राज व्यवस्था, साकार होते दिख रहा है उत्तर प्रदेश के चुनावो में ?
गाँधी का दार्शनिक अराजकतावाद , बदल कर वास्तविक अराजक स्तिथी में दिखाई दे रहा है ,
गाँधी-लाक जयादा सही हैं या हाब्स- नेहरु.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें